दोस्त, अगर आप सोच रहे थे कि Kantara बस एक sequel है तो बहुत बड़ी भूल कर रहे हो। ये फिल्म normal नहीं, pure magic है! ऋषभ शेट्टी का तांडव screen पर देखकर लगता है मानो भगवान खुद theatre में dance कर रहे हों। पिछली बार climax ही highlight था, इस बार तो पूरी second half ही climax में बदल गई है।

कहानी में इंसान का लालच, राजा–प्रजा का फ़र्क और justice की लड़ाई है। जब ज़ुल्म हद पार करता है तो धरती फटती है और एक अदृश्य ताक़त बाहर आती है—जो इंसान के घमंड को कुचल देती है। मज़े की बात? सिर्फ़ Shiv नहीं, बल्कि एक नया धमाकेदार entry भी है, जिसके आते ही hall तालियों और सीटियों से गूंज उठता है। Audience reaction देखकर बस यही कहना पड़ता है – this is not cinema, this is history in making!
अब box office का हिसाब सुनो। 125 करोड़ के budget वाली Kantara सिर्फ 2 दिन में अपनी cost निकाल चुकी थी। Day 3 पर collections ने 200 करोड़ पार कर लिया। Hindi belt में धूम, Telugu में boycott के बावजूद धमाका, Tamil और Malayalam में भी superhit. अब साफ है – दिवाली तक 400 करोड़ पार होना पक्का है। Pan-India level पर ऐसा craze rare है।
लेकिन जहां success होती है, वहां politics भी होती है। Fake reviews, boycott trends, climax leaks – सब कुछ किया गया Kantara को गिराने के लिए। क्योंकि अगर ऋषभ शेट्टी ऐसे ही आगे बढ़े तो 600 करोड़ की flop films करने वाले बड़े स्टार्स का career खतरे में पड़ जाएगा। सोचो, जिसने 2–3 करोड़ में National Award जीता था, वही अब 125 करोड़ में blockbuster बना रहा है – obvious है बहुतों की नींद उड़ जाएगी।
और अब आती है फिल्म की असली जान – उसका climax. भाई, ये scene logic से नहीं, सिर्फ magic से possible है। इतनी energy, इतना emotion और इतना devotion एक साथ screen पर कभी imagine भी नहीं किया होगा। Goosebumps permanent हो जाते हैं, दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है और दिमाग में बस यही गूंजता है – Kantara is not a movie, it’s a phenomenon!
तो simple बात – अगर अब तक टिकट बुक नहीं किया, तो abhi karo। ये फिल्म सिर्फ देखी नहीं जाती, जी जाती है। और believe me, इस साल की सबसे बड़ी blockbuster यही है।