साउथ सिनेमा का जादू अब सीमाओं को लांघ चुका है — Kantara, KGF, Pushpa जैसी फिल्मों ने दुनिया को दिखा दिया कि असली इमोशन किसी भाषा का मोहताज नहीं। लेकिन इन फिल्मों की सफलता में एक ऐसा किरदार भी है जिसे अक्सर कैमरे के पीछे छोड़ दिया जाता है — वॉइस आर्टिस्ट।

क्या आप जानते हैं — Kantara में ऋषभ शेट्टी की गूंजती, दमदार आवाज़ दरअसल उनकी नहीं है!
यह कमाल किया है सचिन गोले वही आर्टिस्ट जिन्होंने KGF में रॉकी भाई (Yash) के लिए भी हिंदी में डबिंग की थी।क्या आप जानते हैं — Kantara में ऋषभ शेट्टी की गूंजती, दमदार आवाज़ दरअसल उनकी नहीं है!उनकी गहरी, दमदार और भावनात्मक आवाज़ ने इन किरदारों को हिंदी दर्शकों के दिलों में और भी गहराई से उतार दिया।
सचिन गोले का कहना है कि KGF 2 की डबिंग में उन्हें लगभग एक हफ्ता लगा था, क्योंकि यश की हर लाइन में जो जोश और एटीट्यूड था, उसे उसी भाव के साथ हिंदी में लाना आसान नहीं था।
उसी जुनून और परफेक्शन को उन्होंने Kantara में भी दोहराया।
जब ऋषभ शेट्टी ने Kantara में खुद निर्देशन और अभिनय किया, तो फिल्म के हिंदी वर्ज़न के लिए ऐसे वॉइस आर्टिस्ट की ज़रूरत थी जो उनके भावों को उतनी ही गहराई से उतार सके।
सचिन गोले ने यह चुनौती स्वीकार की — और नतीजा वही था, जो हमने थिएटर में महसूस किया।
क्लाइमेक्स सीन में जब शिवा “देव का रूप” लेता है, तब उसकी चीख, उसका संवाद और उसकी ऊर्जा दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देती है।
उस आवाज़ में जो पावर, रहस्य और अध्यात्म का संगम है — वह सचिन गोले की बेमिसाल परफॉर्मेंस का नतीजा है।
वॉइस आर्टिस्ट का काम सिर्फ शब्द बोलना नहीं है, बल्कि भावनाओं को आवाज़ के ज़रिए जीना है।वॉइस आर्टिस्ट का काम सिर्फ शब्द बोलना नहीं है, बल्कि भावनाओं को आवाज़ के ज़रिए जीना है।
सचिन बताते हैं —
“जब आप किसी किरदार को डब करते हैं, तो आपको उसकी नस-नस समझनी पड़ती है। उसका गुस्सा, उसका डर, उसका विश्वास सब आवाज़ के टोन में झलकना चाहिए।”
Kantara में ऋषभ शेट्टी ने अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीता, लेकिन उस अभिनय को आवाज़ की ताकत मिली सचिन गोले से।
एक ही कलाकार ने KGF में रॉकी भाई की हिंसक दुनिया को ज़िंदा किया, और Kantara में देवत्व का अहसास कराया —
यह साबित करता है कि आवाज़ भी उतनी ही प्रभावशाली कला है जितनी एक्टिंग।
सचिन गोले जैसे कलाकार हमें याद दिलाते हैं कि —
🎙️ “हर गूंज के पीछे एक आवाज़ होती है, और हर आवाज़ के पीछे एक कहानी।”
