एक कड़वा सौदा
विनिता मुस्कुराई, पर उसके दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था।
अगर रेणुका की बेटी रही, तो उसका दूध बँट जाएगा। कुश के लिए सबसे ज़रूरी था कि उसे पूरा पोषण मिले।
उस रात, जब अस्पताल में सब सो रहे थे, एक साया रेणुका के कमरे में दाखिल हुआ।
एक नन्ही जान चुपचाप उसकी माँ की गोद से उठा ली गई।

अगली सुबह, पूरे अस्पताल में हंगामा मच गया—
“बच्ची लापता है!”
रेणुका की चीखें दीवारों से टकरा रही थीं—
“मुझे मेरी बेटी वापस दो!”
एक सौदा, एक पाप
विनिता को डर था कि अगर रेणुका की बेटी रही, तो उसका दूध बंट जाएगा और कुश को पूरा पोषण नहीं मिलेगा।
उसने रेणुका की बेटी को किसी अजनबी को सौंप दिया और साफ कहा—
“इसे कहीं दूर ले जाओ… और इसे कभी वापस मत लाना!”