HomeFictional"शादी की रातों की तड़प और मातृत्व का अनजाना रहस्य!"

“शादी की रातों की तड़प और मातृत्व का अनजाना रहस्य!”

अंतिम दृश्य – कौन हारा, कौन जीता?

कुश धीरे से रेणुका के पास आया।

उसने अपनी बहन को देखा और फिर कहा—

“क्या मैं भी इसे अपनी बहन मान सकता हूँ?”

रेणुका की आँखें नम हो गईं।

“बेटा, सच हमेशा तकलीफ देता है, लेकिन गलतियों का सामना करने से ही इंसान बड़ा बनता है।”

अंकुश घर से बाहर चला गया।

रेणुका अपनी बेटी और कुश के साथ वहां से चली गई।

विनिता अकेली रह गई—अपने पाप, अपने पछतावे और अपने बिखरे हुए जीवन के साथ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read