एक अधूरा बदला, एक अधूरी कहानी…
अगली सुबह… सौम्या अकेली बैठी थी।
ना आंसू, ना शब्द।
उसने खुद अपने बेटे को मौत के हवाले कर दिया था।
अब वो क्या करे?

रणविजय अभी भी नशे में पड़ा था।
अनजान कि उसकी दुनिया अब पूरी तरह उजड़ चुकी थी।
👉 क्या सौम्या का बदला सही था?
👉 क्या रणविजय के गुनाहों की सजा उसके बेटे को मिली?
💬 अगर आप सौम्या की जगह होते, तो क्या करते? नीचे कमेंट करें!