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“आघोरी साधु: आखिर क्यों करते हैं स्त्री के मासिक धर्म में यौन संबंध की गुप्त साधना?”

महिला के मासिक धर्म के दौरान यौन संबंध: आध्यात्मिक अनुष्ठान और काले जादू का संगम

जब पारंपरिक दृष्टिकोण में यौन संबंधों को केवल शारीरिक क्रिया माना जाता है, तब आघोरी साधु यौन ऊर्जा को एक शक्तिशाली आध्यात्मिक साधन के रूप में देखते हैं।
विशेष रूप से, जब साधु स्त्री के मासिक धर्म के दौरान यौन मिलन के अनुष्ठान में लीन होता है, तो यह प्रक्रिया अद्भुत रहस्यों से भर जाती है:

  • ताबीज़ और शक्ति का संगम:
    मासिक धर्म के दौरान स्त्री के शरीर में उत्पन्न ऊर्जा को साधु दिव्य शक्ति के स्रोत के रूप में पहचानते हैं। इस ऊर्जा को काले जादू के मंत्रों के साथ जोड़कर, वह उच्चतर चेतना और आत्मिक शुद्धि की ओर अग्रसर हो जाते हैं।
  • सामाजिक बंधनों का उल्लंघन:
    यह अनुष्ठान पारंपरिक नियमों को चुनौती देता है। साधु इस मिलन को केवल शारीरिक क्रिया नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक प्रयोग मानते हैं, जहाँ अपवित्रता और पवित्रता के बीच की रेखाएँ धुंधली हो जाती हैं।
  • अहंकार का नाश और आत्मिक एकता:
    जब दोनों, साधु और स्त्री, अपने अहंकार को त्याग कर इस मिलन में लीन हो जाते हैं, तो वे शरीर और आत्मा के द्वंद्व से परे जाकर शिव के साथ एक दिव्य एकता का अनुभव करते हैं।
  • काले जादू का रहस्य:
    इस अनुष्ठान में काले जादू के मंत्रों का भी प्रयोग किया जाता है, जो अंधेरे के रहस्यों को उजागर करते हैं। ये मंत्र साधना को गहरा करते हैं और अनंत ऊर्जा को जागृत करने में सहायक होते हैं, जिससे साधु पारंपरिक सीमाओं से परे अपने अस्तित्व का अनुभव करते हैं।

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