स्माशन घाटों में निवास: मृत्यु में भी छुपी पवित्रता
स्माशन घाट – जहाँ शरीर को अंतिम विदाई दी जाती है – आघोरी साधुओं के लिए केवल अंत का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह जीवन और मृत्यु के अनंत चक्र का एक अभिन्न अंग है।

- अग्नि की लपटें और धुएँ की चादर:
ये दृश्यों में साधु अपने मन को शिव के चरणों में समर्पित करते हैं, और अग्नि की लपटें उन्हें अज्ञात ऊर्जा और आत्मिक शुद्धि का अनुभव कराती हैं। - तपस्या की पवित्र भूमि:
स्माशन घाटों की कठोरता में, साधु अपने भीतर की गहराई से जुड़ते हैं – यह वह स्थान है जहाँ मृत्यु और जीवन के बीच का अंतर धुंधला हो जाता है और हर क्षण में शिव की भक्ति प्रकट होती है।